दुनिया में 30 करोड़ लोग अस्थमा-एलर्जी से पीड़ित; जीवनशैली में बदलाव दूर भगाएगा बीमारी
Leading Allergy Experts Gather in Lucknow
Leading Allergy Experts Gather in Lucknow: लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में गुरुवार को 59वीं इंडियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एंड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी कॉन्फ्रेंस का औपचारिक आगाज हुआ. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शुभारंभ किया और अस्थमा, एलर्जी व फेफड़ों की बीमारियों से बचाव के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की जोरदार अपील की. उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण से बढ़ते खतरों को देखते हुए सरकार जागरूकता अभियान चला रही है, लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर बदलाव जरूरी है.
वायु प्रदूषण से बचाव पर जोर
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने KGMU के शताब्दी फेज-2 बिल्डिंग में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “अस्थमा एक प्रकार की फेफड़ों की एलर्जी है, जो गैर-संचारी रोगों में सबसे प्रचलित है. विश्व में करीब 30 करोड़ लोग इससे पीड़ित हैं और हर साल 4.5 लाख मौतें होती हैं, जिनमें से अधिकांश को रोका जा सकता है.” उन्होंने धूल-मिट्टी से बचने, अधिक से अधिक पेड़ लगाने, सार्वजनिक वाहनों का उपयोग करने और वाहनों के धुएं को कम करने की सलाह दी.
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग की पहलों का जिक्र करते हुए बताया कि लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को नई तकनीकों व दवाओं से प्रशिक्षित किया जा रहा है. उन्होंने डॉक्टरों से मरीजों के इलाज में बेस्ट टेक्नोलॉजी और बेहतरीन दवाओं का उपयोग करने की नसीहत दी.
KGMU की विरासत और सरकार का समर्थन
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने KGMU की प्रशंसा करते हुए कहा, “मेडिसिन की दुनिया के बड़े नाम किसी न किसी रूप में KGMU से जुड़े रहे हैं. स्थापना काल से ही इस संस्थान ने चिकित्सा विज्ञान में अभूतपूर्व योगदान दिया है.” उन्होंने कॉन्फ्रेंस में मंथन से चिकित्सा जगत में नई लकीर खींचने की उम्मीद जताई.
सरकार के समर्थन पर बोलते हुए ब्रजेश पाठक ने आश्वासन दिया कि, “मरीजों के हित में सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे. प्रदेश स्तर पर जो संभव होगा, वह करेंगे और केंद्र के दायरे में आने वाले मुद्दों के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से निवेदन करेंगे. जरूरी मेडिकल इक्विपमेंट भी KGMU को उपलब्ध कराए जाएंगे.” डॉक्टरों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, “आप ईश्वर के दूसरे स्वरूप हैं. आपके रिसर्च पेपर आने वाली पीढ़ियों के लिए वरदान होंगे. सुझावों को बिना देर किए लागू किया जाएगा.
एक्सपर्ट्स का सम्मान और अस्थमा के आंकड़े
कॉन्फ्रेंस में कई विशेषज्ञों को सम्मानित किया गया. पल्मोनरी मेडिसिन एंड क्रिटिकल केयर विभाग के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि भारत में करीब 5 प्रतिशत लोग अस्थमा से पीड़ित हैं. यह महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक होता है और बच्चों की क्रॉनिक बीमारियों में प्रमुख कारण है. यह कॉन्फ्रेंस अस्थमा, एलर्जी और इम्यूनोलॉजी के क्षेत्र में नई रिसर्च, ट्रीटमेंट और रोकथाम पर फोकस कर रही है. आयोजन से चिकित्सकों और आमजन में जागरूकता बढ़ने की उम्मीद है.